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बिहार इलेक्शन में एम आई एम MIM का रोल


बिहार के अवाम- राजनीति में जितना ये मायने रखता है कि वर्तमान चुनाव में किस पार्टी ने कितनी सीटों पर कामयाबी हासिल की है उससे ज़्यादा राजनीति में ये मायने रखता है किस पार्टी को कितने प्रतिशत वोट हासिल हुआ है ? उसी वोट प्रतिशत के आधार पर अगले चुनावों में राष्ट्रीय/राज्य स्तर की पार्टियां छोटी पार्टियों को भाव देती हैं...



अगर बिहार की अवाम जनाब असदुद्दीन ओवैसी साहब" को वोट देकर राज्य में फिर से नीतीश को मुख्यमंत्री बना दें तो इससे कुछ नहीं बिगड़ेगा लेकिन ओवैसी साहब का भारतीय राजनीति में कद बढ़ जायेगा ! फिर यकीनन 2025 के चुनाव में तेजस्वी को कांग्रेस की बजाये ओवैसी साहब से गठबंधन करना पड़ेगा ! 

और जहां तक बिहार इलेक्शन में अब लोग एम आई एम पर बहुत ज्यादा भरोसा करते दिखाई दे रहे हैं । 
हर समाज का इंसान दलित आदिवासी मुस्लिम मराठा बंजारा सीख और दूसरे सभी समाज के बहुत से लोग एम आई एम की तरफ बढ़कर पार्टी में शामिल हो रहे हैं और पक्ष परवेज भी कर रहे हैं बिहार इलेक्शन में एम आई एम जोरों पर दिखाई दे रही है..


और बिहार एवं टीम कह रही है कि
तुम 2020 से ज़्यादा 2025 के लिए वोट करो...


अगर इस बार भी तुमने एनडीए को हराने के लिए राजद+कांग्रेस को वोट किया तो तुम्हारे वोट की वैल्यू जीरो होगी, 

क्योंकि बिहार में फिलहाल नीतीश के ही फिर से मुख्यमंत्री बनने के आसार नजर आ रहे हैं ऐसा एम आई एम टीम बिहार कि वह आवाम से कह रही है ।




भाजपा के जीतने से बिहार के मुसलमानो और वंचितों को घबराने की जरुरत नहीं है...
क्योंकि नीतीश भी खुद को सेक्युलर मुख्यमंत्री के तौर पर ही पेश करता है...
नीतीश और तेजस्वी में कोई ख़ास अंतर नहीं है...


एक चाचू है दूसरा चाचू का भतीजा...
तुम इस बार भाजपा को हराने की बजाये ओवैसी की वैल्यू बढ़ाने के लिए वोट करो...
टूट पड़ो पतंग के निशान पर...
ज्यादा से ज़्यादा वोट ओवैसी साहब की पार्टी मजलिस के नाम करो।।
जय मीम जय भीम जय संविधान