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दो दिनों से सोशल मीडिया पर "शोएब आफताब" का कोई ज़िक्र नहीं



दो दिनों से सोशल मीडिया पर "शोएब आफताब" का कोई ज़िक्र नहीं।

 ना तो उनके नाम का हैसटैग ट्विटर पर ट्रेन्ड किया ना ही उनको लेकर कोई पोस्ट वायरल हुई।

यह बेहद आश्चर्यजनक है।

हैरानी तो यह है।
कि सोशल मीडिया पर बात बात पर सीना फुलाते 

मुसलमान भी "शोएब आफताब" को लेकर सन्नाटे में थे।

क्युँ भाई ? आपको पता नहीं कि "शोएब आफताब" कौन है ? 

या #शोएबआफताब राऊरकेला (उड़ीसा) का रहने वाला

 बेहद गरीब घर का बच्चा है जिसकी पढ़ाई लिखाई भी दूसरों के रहमों करम पर थी इसलिए वह किसी प्रशंसा का पात्र नहीं ?

अब आप पूछेंगे कि यह "शोएब आफताब" कौन है ?

शोएब आफताब ने वह कर दिया है जिसे भारत के इतिहास में आजतक कोई ना कर सका।

NEET (National Eligibility cum Entrance Test) 2020 

की परिक्षा के 720 अंक में से OMR (Optical mark recognition) शीट के आधार पर 720 अंक 

प्राप्त करके इस साल NEET में शोएब आफताब ने टाॅप कर दिया है।

पहले समझिए कि OMR क्या है

दरअसल परिक्षार्थी द्वारा परीक्षा में भरे OMR शीट (आन्सर शीट) को NEET की अधिकारिक 

वेबसाइट पर अधिकारिक परिणाम घोषित होने के कुछ दिन पहले ही डाल दिया जाता है।
 
उस शीट को विशेषज्ञों द्वारा इक्जामीन करने पर शोएब आफताब को फुल मार्क्स प्राप्त हुए हैं।

टाॅप करना ऐतिहासिक नही है 

, टाॅप तो हर वर्ष ही कोई ना कोई करता ही है , 

ऐतिहासिक है फुल मार्क्स 720 पाना जिसे आजतक NEET के इतिहास में कोई नहीं कर सका।

कौन है "शोएब आफताब" ?

राऊरकेला ( उड़ीसा) के रहने वाले शोएब आफताब एक बेहद गरीब घर के रहने वाले हैं

 जो पढ़ाई के लिए कोटा आकर "सर्वोदय सीनियर सेकेंडरी स्कूल" में ऐडमीशन लिये।

मुसलमानों द्वारा संचालित इस स्कूल ने शोएब आफताब की पढ़ाई लिखाई की सारी ज़िम्मेदारी 

उठाई और एमबीबीएस की परिक्षा में संपुर्ण अंक प्राप्त करके शोएब आफताब ने वह एहसान भी चुका दिया।

यद्धपि अधिकारिक घोषणा 16 अक्टूबर को होने जा रही है। इसके लिए शोएब आफताब को अग्रिम बधाई।

कहने का अर्थ केवल इतना है कि यदि आप पढ़ना चाहें तो आपको कोई रोक नहीं सकता। 

जो नहीं पढ़ पाता उनके पास सिर्फ बहाने होते हैं।

तो मेरे अजीज दोस्तो अपने बच्चो को पढ़ाइए 

और और अपने साथ साथ अपने मुआशरे समाज को भी शिक्षित तालीमयाफ्ता करिए ,

 यही फिलहाल वक्त की ज़रूरत भीहै।
गरीबी का रोना मत रोइए....