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आयशा सारी उम्मीद खो चुकी थी कि वो कभी ससुराल वापिस जाएगी, उसके बाप एक टेलर थे, इतनी कमाई नही थी कि लाखों की डिमांड पूरी कर सकेआयशा पहुंच गई साबरमती नदी के पास वहां


हाथ पैर अगर काम नहीं करता है तो किसी चौराहे में बैठकर भीख मांगो दहेज के लालचीयो जब दहेज मांगने में शर्म नहीं लगता है तो फिर भीख मांगने से शर्म क्यों


ये शख्स एक मासूम का क़ातिल है,

 ये जो कपड़े इसने पहने हैं  

जिस ठाठ में नज़र आ रहा, दरअसल ये दहेज में मांगा हुआ कफ़न है

 जिसे पूरा करते करते आयशा के माँ बाप थक गए, 

लेकिन दहेज के लालचियों की ख्वाहिशों का जनाज़ा कभी कब्रस्तान तक पहुंचने का नाम ही नही लेता, 

और इन ख्वाहिशों को पूरा करने में आखिर आयशा की रूह ने खुद को अपने जिस्म से अलग कर लिया

अहमदाबाद की ये खबर पढ़ कर मैं सिहर उठा, दहेज की डिमांड पूरी न करने पर आरिफ ने अपनी बीवी आयशा को उसके मायके बिठा दिया 


शौहर से बेपनाह मोहब्बत करने वाकई आयशा ने जब आरिफ से कहा कि मैं तुम्हारे बगैर मर जाऊंगी तो आरिफ का जवाब था मरने का वीडियो भेज देना, 
आयशा सारी उम्मीद खो चुकी थी कि वो कभी ससुराल वापिस जाएगी, उसके बाप एक टेलर थे,

 इतनी कमाई नही थी कि लाखों की डिमांड पूरी कर सके
आयशा पहुंच गई साबरमती नदी के पास वहां 

वीडियो बनाया और कूद गई साबरमती में, 
हमारे देश में हर घंटे दहेज के कारण एक बेटी मरती है 

आयशा नहीं मरने की हिम्मत कर ले लेकिन इतना हौसला ना जुटा पाई की दहेज के लालचियों से लड़ सके..😭😭😭😭😭