आज से 18 साल पहले मार्च 2003 में मैं घूमने के लिए मुम्बई आया था।
700 रुपये का एक ट्रेन टिकट लेकर स्लीपर डब्बे में 36 घंटे की यात्रा करके मुम्बई पहुंचा।
रहने खाने का मेरे पास पैसा नहीं था तो गांव के ही कुछ अच्छे लोगों के यहां मैंने शरण ली।
उन लोगों ने काफी सपोर्ट किया।
आज जब मैं फाइव स्टार होटल में बैठता हूँ या किसी भव्य हॉल में प्रोग्राम का आयोजन करता हूँ
या फिर चेक पर हस्ताक्षर करता हूँ तो मैं उन
लोगों के लिए बहुत एहसानमंद फील करता हूँ, जिन्होंने मेरी उस समय हेल्प की
जब मुझे शिद्दत से जरूरत थी।
उन तमाम लोगों की याद आती है जिन्होंने मुझे इस मुकाम तक पहुँचाया है और किसी काबिल बनाया है।
शायद कोई तरीका ही नहीं उनको कुछ वापस करने का।
इसीलिए मैं आगे तमाम लोगों की जिंदगी बेहतर करना चाहता हूँ ।
जो मिला है वो आगे बाँटना चाहता हूँ।
जुड़ेंगे मेरे काम से आप? बताइयेगा।
डॉ. कृष्णा चौहान
डायरेक्टर & फाउंडर नेशनल प्रेसीडेंट "कृष्णा चौहान फाउंडेशन" केसीएफ