दोस्तो अफसोस सद अफसोस आशीयाने उजाळे गये,और
हम तमाशाही बने देखते रहे!!
मै न.पा.प्रशासन से पुछना चाहता हूं,
मा.खंड पीठ औरंगाबाद ने कुछ
महिने पहिले,स.न.272,273,के
भुखंड ताबे मे लेने का आदेश दिया है,
यह अमलबजावणी थंड
बस्ते मे क्यूं है?
और हां तत्तकालीन जिल्हा आधिकारी साहेब,नांदेड
ईन्होने नांदेड रोड लगतके पूरबाधीत क्षेत्र के बहोंतसे बांधकाम गिराने का आदेश दिये थे,ईसका क्या हूवा?
मै समझ ता हूं कार्यवाही सिरफ झुग्गी झोपडी पर ही कि जाती है।
पूछना उन लोगोंसे,जो आप को बहेका कर लालच देकर ओट के बटवारे कराकर मगरमच्छ के घडीयाली आंसू बहाते हैं।
आप आपनी गलतीयोंसे ही नुकसान ऊठाते हो।
यहां सब बिकता है,अगर आपके जेब मे माल हो!
यह न .पा.प्रशासन कायद्येको बगल देकर पुरग्रस्त क्षेत्र मे घरकूल प्रदान करता है
हमारे पत्रकार भाई ,"बुरा मत कहो,बुरामत सूनो,
बुरामत देखो,"की भुमीका मे है!
यह .न.पा.प्रशासन,ठेलोंको जगह
देता है,फिर तोड फोड करवाता है,
आप किनवट वासी जानते है।1983मे किनवट शहर मे महापूर
आया था,
जिल्हा प्रशासन ने सर्वे करके,कुछ क्षेत्र लाल रेखांकित घोशीत किये थे।
ईसके बावजूद भी ईस क्षेत्र मे विकास
कामो को परवानगी दि जारही है।
और हां शासन जमीन पर भु माफिया कब्जा कर के ईसी न.पा.से.मंजूरी लेकर उस शासन जमीन को लाखो मे बेच रहे है!
संबंधीत महसूल प्रशासन के तत्कालीन तहसिलदार साहबने,
न.पा.को शासन जमीन का अतिकरमण निकाल ने सबबमे दिनाक, 5,4,2021को पत्र दिये थे।
मगर न.पा.कि.कार्यवाही शून्य, सांप सूंग गया?
भाजी मार्केट के वाटोरे करदी ये,
आरक्षीत क्षेत्र है,यहां के गरीब भाजी पाला विक्रतो को रोड पर लाया गया,आज पेट भरणा दूश्वार होगया है।
दोस्तो ऐक महिला नगर सेविका कि तक्रार की दखल महसूल प्रशासन ने ली,कार्यवाही मगर अपूरी,आधे तूटे,आधे रुके!!
मतदार जागरुक नही है।वरना
गरीबोंपर अत्याचार नामुमकीनसा होता!!
जय हिंद.....जय महाराष्ट्र।।।
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शेख चांद रतनजी