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किनवट के मुस्लिम लीडरों की इफ्तार पार्टी कहां गायब ??अफसोस की बात?? अपने आपको मुस्लिम लीडर कहने वाले अब कहां गए


हर तरफ रमजान का पाक महीना शुरू है और इस पाक महीने में रमजान का हर कोई रोजा रखता है
 नमाज पढ़ता है  जकात देता है और गरीब लोगों की मदद करता है इस रमजान के महीने में ना कोई झूठ बोलता है 
ना कोई गलत काम करता है
 हर कोई मुसलमान सिर्फ और सिर्फ सच्ची बात करता है
 चाहे उसको कैसी ही मुसीबत क्यों ना हो वह कभी झूठ नहीं बोलेगा इस पाक महीने में😭 मगर 
 किनवट में भी हर तरफ रमजान का महीना अमन और शांति के साथ मनाया जा रहा है 
आखरी अशरा है रमजान का 

और इस आखिरी अशरे में सब लोग एक दूसरे की मदद करते हैं 

और एक दूसरे के लिए दुआ करते हैं 
दोस्तों रमजान के महीने में इफ्तार पार्टियां होती है 
 लेकिन किनवट में बहुत सारे मुस्लिम लीडर है 
अलग-अलग पार्टियों से मुस्लिम लीडर है 
और बहुत सारे मुस्लिम लीडर माजी नगरसेवक माजी नगर अध्यक्ष और बहुत सारे सामाजिक कार्यकर्ता मुस्लिम लीडर बन चुके हैं 

लेकिन किनवट में अभी तक किसी भी मुस्लिम लीडर ने इफ्तार पार्टी का आयोजन नहीं किया गया है
 यह बहुत अफसोस की बात दिखाई दे रही है

 ऐसा बहुत सारे लोग कह रहे हैं क्योंकि इफ्तार पार्टी का मतलब एकता की निशानी कहलाती है ऐसा नहीं कि इफ्तार पार्टी सिर्फ खाने के लिए होती है

 इफ्तार पार्टी का मतलब है कि हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी लोग इस इफ्तार पार्टी में आकर एकता की निशानी का संदेश देते हैं 

लेकिन किनवट के बहुत सारे मुस्लिम लीडर जो मुसलमानों के हम लीडर है हम मुसलमानों के काम आने वाले हैं

 जब इलेक्शन और चुनाव आता है तभी यह मुस्लिम लीडर हर तरफ मुसलमानों के नेता होने का अपना रूप दिखाते हैं

 लेकिन रमजान के महीने में ना आमदार की तरफ से ना माजी आमदार ना माजी नगरअध्यक्ष के तरफ से ना माजी नगर सेवकों की तरफ से ना कोई पार्टी के तरफ से बीजेपी शिवसेना कॉन्ग्रेस राष्ट्रवादी कांग्रेस एम आई एम पार्टी अभी आने वाली बीआरएस पार्टी और भी बहुत से पार्टियां किनवट में मौजूद है 

इन सब की तरफ से मुस्लिम समाज को ईफ्तार पार्टी नही दी गई है 😭
  इफ्तार पार्टी से एकता की निशानी कहलाती है 😭 मगर

यह बहुत अफसोस की बात है दोस्तों सबके घरों पर खाने पीने का सामान मौजूद है
 लेकिन इफ्तार पार्टी का मतलब है कि एकता की निशानी कहलाती है 
हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई हम सब हे भाई भाई यह इफ्तार पार्टी से पहचान मिलती है
 लेकिन अफसोस बहुत अफसोस किनवट में इफ्तार पार्टी किसी ने भी नहीं रखी है

 चुनाव आने के बाद सभी लोग हाथ जोड़कर घर के दरवाजे पर खड़े हो जाते हैं कि हम मुस्लिम लीडर है 
और मुसलमानों के तरफ से काम करने वाले नेता है

 मगर ऐसा कुछ भी दिखाई नहीं देता बहुत अफसोस की बात है एसा बहुत सारे लोगों ने कहा है कि किनवट में इफ्तार पार्टी किसी ने भी नहीं की है
इस इफ्तार पार्टी में बहुत से गरीब लोगों को बि नेता लोगो के साथ खाने पीने का मौका मिल जाता है

 जो वो बहुत खुश होते हैं मगर फिर एक बार अफसोस सिर्फ मुसलमान वोट के लिए इस्तेमाल होता है बाकी नही मुस्लिस नेता सिर्फ अपना काम निकाल लेते हैं और फिर पांच साल तक भूल जाते हैं 😭🙏