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तमाम विरोधों के बावजूद कल देश की नई संसद का उद्घाटन देश के शक्तिशाली प्रधामनंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के हाथों हुआ, उद्घाटन में सबसे ज़्यादा चर्चा जिस चीज़ की थी उसका नाम था सेन्गोल, सेन्गोल एक छड़ी है जिसे राजदंड भी कहा जाता है(


तमाम विरोधों के बावजूद कल देश की नई संसद का उद्घाटन देश के शक्तिशाली प्रधामनंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी के हाथों हुआ, उद्घाटन में सबसे ज़्यादा चर्चा जिस चीज़ की थी उसका नाम था सेन्गोल, सेन्गोल एक छड़ी है जिसे राजदंड भी कहा जाता है(जैसा कि बताया जा रहा है) 

राजदंड का मतलब होता है कि कोई भी व्यक्ति अगर शासन या राजा द्वारा किये गये फ़ैसलों के विरोध में बोलता है

 तो ये छड़ी हाथ में लेकर राजा उसे दंड सुनाता है। राजदंड देने की शुरुआत कल से ही हो गयी है कल ये राजदंड देने वाली छड़ी राजा नई संसद में स्थापित कर रहे थे 

और दूसरी तरफ उसी समय देश की पहलवान बहन बेटियों को थोड़ी दूर पर दंड दिया जा रहा था पुलिस द्वारा उनसे बदसलूकी की जा रही थी और घसीटा जा रहा था, बाद में उन्हें अरेस्ट भी कर लिया गया, 

ये वो बेटियाँ थीं जो अपने साथ हुए दुराचार और शारीरिक शोषण के विरोध में पिछले एक महीने से ज़्यादा से इंसाफ़ की गुहार लगा रही हैं, तो अब देखने वाली बात ये होगी कि राजदंड देने का आधार क्या होगा,


 क्या शोषण, अत्याचार, दुराचार और दमन करने वाले शासन के विरोध में आवाज़ उठाने वाले को ही ये राजदंड दिया जायेगा ??

 या व्यवचारी, दुराचारी, अत्याचारियों को भी राजा ये राजदंड देने का काम करेंगे ??

*राशिद मुरादाबादी*
लेखक एवं सामाजिक/राजनीतिक चिंतक